You're all caught up—no notifications available.
Explore All Exams at KGS
All Exams
Explore All Exams at KGS
Khan Sir Courses
Geography I Polity I History | World Map I Indian Map I Economics I Biology
UPSC & State PSC
UPSC I BPSC I UP-PSC I MP-PSC
State Exams
UP I Bihar I MP | Rajasthan
NEET | JEE | CUET | Boards
NEET | JEE | CUET | Boards
Defence Exams
NDA I CDS I CAPF I AFCAT I SSB I Agniveer
Police Exams
UP SI | Bihar SI | Delhi Police | UP Constable
SSC Exams
CGL I CPO I CHSL I MTS I SSC GD I Delhi Police
Foundation Courses
Physics I Chemistry I Biology I History I Geography I Polity I NCERT I Math I English | Map I Reasoning
Railway Exams
RRB | RPF
Teaching Exams
TET | Teaching | UGC
Banking Exams
SBI | RBI | IBPS
Engineering Exams
Civil | Electrical | Mechanical
News Highlights provides you with the best compilation of the Daily News Highlights taking place across the globe: National, International, Sports, Science and Technology, Banking, Economy, Agreement, Appointments, Ranks, and Report and General Studies
1.
मंगलवार को सबसे बड़े वैश्विक ट्रेड वार (व्यापार युद्ध) की शुरुआत हो गई। अमेरिकी प्रशासन ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की घोषणा पर अमल करते हुए कनाडा, मेक्सिको और चीन से आयात होने वाले कई उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगा दिया। अमेरिका ने मंगलवार को कनाडा और मेक्सिको से स्टील, एल्यूमिनियम समेत कई धातुओं और अन्य उत्पादों के आयात पर 25% टैक्स लगाया जबकि कनाडाई ऊर्जा उत्पादों के आयात पर 10% शुल्क लगाया। इसके जवाब में कनाडा ने भी अमेरिका से होने वाले आयात पर 25% टैरिफ लगा दिया है। यह पहली बार है जब नाटो के दो सदस्य देशों के बीच ट्रेड वार की नौबत आई है। पिछले हफ्ते वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच सार्वजनिक बहसबाजी के बाद अमेरिका और नाटो के अन्य सदस्यों के बीच पहले से ही तनाव था। अब ट्रेड वार की शुरुआत तनाव को और बढ़ा सकता है।
2.
भारत-जापान के बीच जापान के पूर्वी फूजी में चल रहा संयुक्त सैन्य अभ्यास 'धर्म गार्जियन' दोनों देशों के सैन्य रणनीतिक संबंधों की गहराई को नया आयाम दे रहा है। दोनों देशों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास की इस छठी कड़ी में दोनों देशों की सेनाओं का इस बार फोकस वर्तमान सुरक्षा परिदृश्य में शहरी क्षेत्रों में बढ़ रहे आंतकवाद निरोधी आपरेशन पर है, वहीं वैश्विक सुरक्षा परिदृश्य के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र शांति सुरक्षा मिशन से जुड़ी चुनौतियों में प्रभावशाली सैन्य अभियान का संचालन भी अभ्यास का अहम हिस्सा है।
3.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से दोषी या सजायाफ्ता नेताओं की सजा कम करने या समाप्त कर चुनाव लड़ने की अयोग्यता हटाए जाने के मामलों का ब्योरा दो सप्ताह में मांगा है। इसके बाद याची के पास प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय होगा। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने मंगलवार को ये आदेश अधिवक्ता अश्वनी कुमार उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
4.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत में सुरक्षा को लेकर खतरे एक समान नहीं हैं। पूर्वोत्तर में विद्रोह के मुद्दे नक्सल प्रभावित इलाकों या सीमा क्षेत्रों की चुनौतियों से अलग हैं। इसी तरह शहरी सुरक्षा संबंधी चिंताएं ग्रामीण इलाकों से अलग हैं। ऐसे में हमें क्षेत्र विशेष की चुनौतियों और समाधान को ध्यान में रखते हुए तैयारी करनी चाहिए। रक्षा मंत्री गृह मंत्रालय और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'एडवांस्ड टेक्नोलाजीज फार इंटर्नल सिक्योरिटी एंड डिजास्टर रिलीफ आपरेशंस' सम्मेलन में बोल रहे थे। रक्षा मंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा केवल आतंकवाद, सांप्रदायिक आंदोलनों और वामपंथी उग्रवाद जैसे पारंपरिक खतरों से निपटने तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह देश के आर्थिक और सामरिक हितों को अस्थिर करने वाले अपरंपरागत खतरों से निपटने की तैयारी भी मांगती है। भारतीय सुरक्षा तंत्र को साइबर और हाइब्रिड लड़ाई के तरीकों के साथ साइबर हमले, गलत सूचनाओं के अभियान और अंतरिक्ष आधारित जासूसी जैसे उभरते खतरों से निपटने के लिए अत्याधुनिक समाधान के साथ तैयार रहना चाहिए।
5.
देश में जल्द ही हाइड्रोजन से बसों, ट्रकों को चलाने की तैयारी है। प्रदूषण को नियंत्रित करने और नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को बढ़ावा देते हुए सरकार ने हाइड्रोजन गैस से बसों, ट्रकों को चलाने के लिए पांच पायलट परियोजनाएं शुरू की हैं। ये वाहन ग्रेटर नोएडा-दिल्ली-आगरा, साहिबाबाद-फरीदाबाद-दिल्ली समेत 10 अलग-अलग मार्गों पर चलेंगे।
6.
गुजरात के लिए समान नागरिकता संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के उद्देश्य से गठित समिति की पहली बैठक गांधीनगर में मंगलवार को हुई। इसमें कहा गया कि मसौदा तैयार करने से पहले लोगों से सुझाव एवं आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। इसमें यह प्राथमिकता होगी कि महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार प्राप्त हों। जनता से परामर्श जरूरी है। इसलिए, एक टीम राज्य के हर जिले में जाकर लोगों से मिलेगी। पांच सदस्यीय समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश (रिटायर्ड) रंजना प्रकाश देसाई का कहना है कि इस कानून में किसी भी धर्म के विवाह एवं परंपराओं से छेड़छाड़ नहीं होगी, लेकिन विवाह और तलाक का पंजीकरण जरूरी होगा।
7.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देश के ट्रायल कोर्ट्स में पोक्सो कानून के अंतर्गत मामलों की सुनवाई के लिए पर्याप्त जज नहीं हैं, जो इसके खिलाफ यौन अपराधों से निपटने के लिए हर जिले में एक विशेष अदालत स्थापित करने जैसे इसके निर्देशों को लागू कर सकें। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की पीठ 2019 के एक मामले को स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही थी, जिसका शीर्षक 'बाल दुष्कर्म की रिपोर्ट की गई घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोतरी' था। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों से विशेष रूप से निपटने के लिए पोक्सो अधिनियम के तहत 100 से अधिक एफआइआर वाले हर जिले में एक केंद्रीय-वित्तपोषित न्यायालय की स्थापना करने समेत कई निर्देश पारित किए थे।
8.
सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट अस्पतालों के दवा दुकानों में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की अधिक कीमतों के संबंध में निर्णय सरकार पर छोड़ दिया। कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराना सरकार का फर्ज है। राज्य मरीजों और उनके तीमारदारों का शोषण रोकने को लेकर उचित नीतिगत निर्णय लें। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर इस पर कोर्ट ने निर्देश दिया तो प्राइवेट अस्पतालों के कामकाज में बाधा हो सकती है और इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।
9.
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे या प्रवेश करने वाले भारतीयों को वहां से निकाले जाने पर हमारे देश में तमाम लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं। वहां से लोगों को जिस तरह भेजा जा रहा है, उसका तौर-तरीका चुभने वाला है। इस बीच मूल बिंदु उपेक्षित है कि क्यों भारत से बड़ी संख्या में लोग बाहर जा रहे हैं? आम समझ यही है कि लोग रोजगार के लिए जाते हैं, परंतु संपन्न घरों के युवा भी अमेरिका-यूरोप जाना चाहते हैं। ऐसे लोगों को यहां रोजी रोटी की खास समस्या नहीं है। वस्तुतः अमेरिका या यूरोप जाने वाले भारतीयों में कम ही लोग वहां कोई नियुक्ति-पत्र लेकर जाते हैं। अधिकांश वहां पढ़ाई के लिए जाते हैं और फिर कोई छोटी-मोटी नौकरी शुरू करते हैं। कई बार यह वहां के नियमों का उल्लंघन करके होता है। कनाडा जाने वाले अधिकांश भारतीयों में तो कोर्स-दाखिला केवल बहाना होता है। वे वहां रह जाने की मंशा से ही जाते हैं। उसी प्रक्रिया का एक रूप यहां देश में भी दिखता है। गांव-गांव में असंख्य माता-पिता बच्चों को पढ़ाते हुए यही चाहते हैं कि वे बाहर निकल कर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु आदि जगहों पर जाकर काम करें। जबकि दिल्ली-बेंगलुरु में बसे भारतीय अपने बच्चों के लिए यूरोप-अमेरिका जाकर रहने की आकांक्षा रखते हैं और वैसी योजनाएं बनाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया पलायन के लिए चयन जैसी है। यह अपने समाज, अपनी व्यवस्था के विरुद्ध सामूहिक अविश्वास का मौन प्रदर्शन है। लोग अपने संसाधन, बुद्धि और परिश्रम लगाकर अपना समाज और देश छोड़कर वहां जाना चाहते हैं, जो अधिक व्यवस्थित और अवसर देने वाला लगता है। यही बिंदु विचारणीय है।
10.
यह कहना गलत नहीं होगा कि आनलाइन प्लेटफार्म बेलगाम हैं और वे किसी नियम-कानून की परवाह नहीं करते। इसी कारण वे फेक न्यूज का सबसे बड़ा जरिया बने हुए हैं। अब जब इसकी प्रतीक्षा की जा रही है कि फूहड़ता फैलाने के मामले में सरकार और सुप्रीम कोर्ट क्या करता है, तब यह भी देखना होगा कि समाज क्या करता है, क्योंकि आनलाइन प्लेटफार्मों पर जैसी सामग्री ज्यादा देखी जाती है, वैसी ही अधिक प्रसारित होती है। चूंकि फूहड़ सामग्री देखी जा रही है, इसीलिए वह परोसी भी जा रही है।
11.
सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यमों अर्थात एमएसएमई को लेकर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह सही कहा कि उद्योगों को अनुसंधान एवं विकास का उपयोग करके ऐसे उत्पादों के निर्माण पर ध्यान देना चाहिए, जिनकी विदेश में मांग है, लेकिन आखिर ऐसा कब होगा? उचित यह होगा कि यह जानने की कोशिश की जाए कि भारतीय उद्योग यह काम क्यों नहीं कर पा रहे हैं? यह जानना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि तमाम अनुकूल परिस्थितियों के साथ देश में सस्ता श्रम भी उपलब्ध है। इस तथ्य को ओझल नहीं किया जाना चाहिए कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान के बाद भी चीन विश्व का कारखाना बना हुआ है। हमारे उद्योग चीन का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं। चिंता की बात यह है कि अब कई पूर्वी एशियाई देश विश्व व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ा रहे हैं। एक तरह से अब भारतीय उद्योगों को उनसे मुकाबला करना पड़ रहा है। यह ठीक नहीं। भारतीय उद्योग उस गुणवत्ता के उत्पाद नहीं बना पा रहे हैं, जिनकी विश्व बाजार में मांग हैं। भारतीय उद्योग अपने उत्पादों की गुणवत्ता के मामले में ही नहीं पिछड़ रहे हैं, बल्कि उनकी उत्पादन लागत भी अधिक है।
12.
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि प्लास्टिक प्रदूषण की मौजूदा स्थिति यथावत बनी रही, तो 2050 तक समुद्र में प्लास्टिक कचरे का भार वहां मौजूद मछलियों से अधिक हो जाएगा। दरअसल हर साल लगभग आठ से 10 मिलियन मीट्रिक टन प्लास्टिक समुद्र में समा जाता है। यह चिंताजनक है कि समुद्री प्रदूषण में प्लास्टिक कचरे की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत तक हो गई है।
13.
गत दिनों यूनेस्को के वैश्विक शिक्षण निगरानी दल (जीईएम) द्वारा यह जानकारी दी गई कि विश्व के 40 प्रतिशत छात्र अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त कर पाने से वंचित हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इन 40 प्रतिशत छात्रों को उस भाषा में पढ़ने की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसे वे अपनी सामान्य बातचीत में प्रयुक्त करते हैं। आज जब विश्व में घरेलू भाषा/मातृभाषा में शिक्षा के महत्व को लेकर समझ और जागरूकता बढ़ी है, तब भी इतनी बड़ी आबादी का अपनी भाषा में शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा से वंचित होना न केवल चकित करता है, अपितु चिंतनीय भी है।
14.
आज के समय में चाहे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म हों अथवा ओटीटी प्लेटफार्म, दोनों पर अश्लील सामग्री की भरमार है। एक अन्य खास बात यह है कि पारंपरिक प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया पर अश्लीलता एवं हिंसा फैलाने वाली सामग्री को नियंत्रित करने के लिए विशिष्ट नियम बने हैं, किंतु ओटीटी प्लेटफार्म एवं इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों के लिए ऐसा कोई विशेष नियामक ढांचा मौजूद नहीं है। यही कारण है कि इन प्लेटफार्मों पर नकेल कसने के लिए एक मजबूत कानून बनाए जाने की मांग जोरों से उठ रही है। ओटीटी प्लेटफार्म पर दिखाई जाने वाली ज्यादातर वेब सीरीज अश्लीलता, अभद्रता, द्विअर्थी कमेंट, गाली गलौज एवं गंदे दृश्यों से परिपूर्ण होती हैं और ऐसी सामग्री देश के उस युवावर्ग को विकृत मानसिकता की तरफ ले जाती है, जो भावी कर्णधार के रूप में तैयार हो रहा है।
15.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत को विकास के केंद्र के रूप में देख रही है और दुनिया का हर देश भारत के साथ अपनी आर्थिक साझेदारी को मजबूत करना चाहता है। इस मौके का फायदा उठाने के लिए भारतीय मैन्यूफैक्चरर्स और निर्यातकों को आगे आना चाहिए। उन्हें बड़े कदम उठाने की जरूरत है। इस काम में हर कदम पर सरकार उनके साथ है। मंगलवार को एमएसएमई सेक्टर के विकास को लेकर आयोजित वेबिनार के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा मैन्यूफैक्चरर्स और निर्यातकों को अधिक से अधिक टेक्नोलाजी को अपनाने के साथ गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने की जरूरत है।
16.
अमेरिका ने कनाडा और मैक्सिको से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का शुल्क मंगलवार से लगा दिया। चीन की वस्तुओं पर पर भी 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया है। अप्रैल में भारत के साथ भी पारस्परिक शुल्क की संभावना है। जाहिर तौर पर चुनौती तो है लेकिन भारत की कोशिश होगी कि इस व्यापारिक लड़ाई में भारत अपने लिए अवसर तलाशे। वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय इसकी तैयारी में जुट गया है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुक्त व्यापार समझौते की तैयारी से जुड़ी वार्ता को लेकर अमेरिका के दौरे पर है।
17.
केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री जी. किशन रेड्डी ने मंगलवार को उम्मीद जताई कि भारत अगले तीन-चार वर्षों में लिथियम जैसे अहम खनिजों की मांग को देश के भीतर ही पूरा करने में सक्षम होगा। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआइ) के 175 वर्ष पूरे होने पर कोलकाता स्थित मुख्यालय में आयोजित स्थापना दिवस समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में रेड्डी ने कहा, राष्ट्रीय खनिज मिशन का उद्देश्य लिथियम जैसे खनिजों के खनन को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा, हमें मोबाइल फोन की बैटरी और सौर पैनलों के लिए लिथियम की जरूरत है। महत्वपूर्ण खनिज मिशन के लिए 32,000 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी मिल गई है। जीएसआइ अर्जेंटीना के साथ मिलकर पांच लिथियम ब्लाक पर काम कर रहा है। रेड्डी ने जीएसआइ पर स्मारक पट्टिका व विशेष डाक कवर भी जारी किया।
NCERT Books
Resources
We love learning. Through our innovative solutions, we encourage ourselves, our teams, and our Students to grow. We welcome and look for diverse perspectives and opinions because they enhance our decisions. We strive to understand the big picture and how we contribute to the company’s objectives. We approach challenges with optimism and harness the power of teamwork to accomplish our goals. These aren’t just pretty words to post on the office wall. This is who we are. It’s how we work. And it’s how we approach every interaction with each other and our Students.
Come with an open mind, hungry to learn, and you’ll experience unmatched personal and professional growth, a world of different backgrounds and perspectives, and the freedom to be you—every day. We strive to build and sustain diverse teams and foster a culture of belonging. Creating an inclusive environment where every students feels welcome, appreciated, and heard gives us something to feel (really) good about.
Get Free academic Counseling & Course Details