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DAINIK JAGRAN

1.

नीट-यूजी में सीमित हो सकते हैं मौके, चार बार ही दे सकेंगे परीक्षा

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) में सुधार को लेकर इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अगुआई में गठित उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिशों की स्वीकार किया गया तो आने वाली परीक्षाओं में काफी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इनमें सबसे अहम मेडिकल पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्ष- नीट-यूजी में छात्रों को मिलने वाले अनगिनत मौके अब खत्म हो सकते हैं। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की परीक्षा जेईई-मेन की तर्ज पर नीट- यूजी के लिए भी अभ्यर्थियों को अब अधिकतम चार मौके दिए जा सकते हैं। एनटीए में सुधार को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट को दे चुकी है। एनटीए में सुधार को लेकर इस समिति का गठन 22 जून, 2024 को नीट-यूजी में गड़बड़ी की शिकायतों के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर किया गया था। इसरो के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अगुआई में बनाई गई इस सात सदस्यीय समिति में जो और बड़े नाम शामिल किए गए थे, उनमें एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, शिक्षाविद बीजे राव, के. राममूर्ति, पंकज बंसल, आदित्य मित्तल के साथ शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल बतौर सदस्य शामिल हैं। 


2.

रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच बनेगा 800 मील का बफर जोन

चुनाव परिणाम जाने के बाद महज चार दिनों के भीतर यूक्रेन युद्ध रुकवाने को ट्रंप को योजना का संभावित खाका सामने आया है। इसमें दोनों देशों की सेनाओं के बीच 800 मील का बफर जीन बनाने की बात कही गई है। 800 मील के बफर जोन में तैनाती और गश्त के लिए अमेरिका अपना सैनिक नहीं भेजेगा नदी ही वहां की गतिविधियों के लिए कोई आर्थिक सहायता देख। ब्रिटेन फ्रांस और जर्मनी को बफर जोन की आर्थिक जिम्मेदारियां संभालनी होंगी। 


3.

जस्टिस संजीव खन्ना संभालेंगे सीजेआइ का पदभार

सुप्रीम कोर्ट के कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे जस्टिस संजीव खन्ना देश के 51वें प्रधान न्यायाधीश का पद ग्रहण करेंगे। वह जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लेंगे, जो रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई, 2025 तक होगा। निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ ने 16 अक्टूबर को जस्टिस खन्ना के नाम की सिफारिश की थी और केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी।


4.

आर्थिक सहयोग को मजबूती देने भारत दौरे पर आ रहे रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री

रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंट्ररीब रूसी भारतीय बिजनेस फोरम के सत्र में भाग लेने और व्‍यापर आधार आर्थिक वैज्ञानिक, तकनीकी सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर सरकारी आयोग के 25वें सत्र को सह-अध्यक्षता करने के लिए 11 नवंबर से भारत का दौरा करेंगे। यह यात्रा रूस और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयासों पर प्रकाश डालती है। मंटुरोव मुंबई में रूसी भारतीय बिजनेस फोरम के पूर्ण सत्र में भाग लेंगे। यहां औद्योगिक सहयोग, परिवहन, रसद, वित्त, डिजिटल प्रौद्योगिकियों और क्षेत्रीय कनेक्शन जैसे सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी। बिजनेस काउंसिल फार को-आपरेशन विद इंडिया और फिक्की द्वारा आयोजित इस सत्र का उद्देश्य दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देना है। 


5.

18-19 नवंबर को जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेंगे मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताहांत कैरेबियन देश गुयाना, अफ्रीकी देश नाइजीरिया और दक्षिण ब्राजील को यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान मोदी ब्राजील में 18-19 नवंबर, 2024 को जी-20 शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। पिछले वर्ष जी-20 की अगुआई भारत ने की थी। ऐसे में उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से उन मुद्दों को उठाया जाएगा, जिन्हें सितंबर, 2023 में जी-20 के नई दिल्ली घोषणापत्र में तरजीह दी गई थी। इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के नियमन को लेकर वैश्विक सहमति बनाना और पारंपरिक ऊर्जा के इस्तेमाल की जगह पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा के इस्तेमाल के लिए जरूरी फेड के इंतजाम का मुद्ध के अहम होगा।


6.

केंद्र सरकार मिलने से मप्र सौरभ से आर्थिक सहायता न में हाथी परियोजना बंद

वर्ष 2018 से मध्य प्रदेश में डेरा डाले हाथियों की देखरेख और संरक्षण के लिए चलाई जा रही परियोजना वर्तमान में बंद है। केंद्र सरकार से मध्य प्रदेश को हाथियों के प्रबंधन के लिए वित्तीय मदद ही नहीं मिल रही है। इस वर्ष भी प्रदेश सरकार ने राज्य में 80 हाथियों की मौजूदगी बताते हुए उनके प्रबंधन के लिए धनराशि मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार से कोई बजट नहीं मिला। बीते तीन साल में केवल एक बार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार से 65 लाख रुपये की मांग के बदले 30.80 लाख रुपये मिले थे। हालांकि कैंपा फंड से कुछ राशि हाथियों के नाम पर मिल रही है, लेकिन वह नाकाफी है। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार भी हाथी प्रबंधन में कोई खास राशि व्यय नहीं कर रही है। वन विभाग ने पहले भी हाथी मित्र दल बनाने की पहल की थी, लेकिन बजट के अभाव न तो वनकर्मियों का बेहतर प्रशिक्षण हुआ और न ही दल का गठन किया जा सका। 


7.

जम्मू-कश्मीर में संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए आयु सीमा बढ़ी

जम्मू-कश्मीर सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश की संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई)-2024 में शामिल होने वाले ओपन मेरिट के उम्मीदवारों की ऊपरी आयु सीमा में छूट को 32 वर्ष से तीन साल से बढ़ाकर 35 वर्ष कर दिया है। इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी हो गया है। इसके अनुसार आरक्षित श्रेणी व सेवारत उम्मीदवारों उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा 37 वर्ष और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए आवेदन की अधिकतम आयु 38 वर्ष निर्धारित की गई है। इसके साथ ही 17 नवंबर को होने वाली इस परीक्षा को भी टाल दिया गया है। आयोग अब नए सिरे से तिथियों को तय करेगा। नेशनल कान्फ्रेंस ने चुनावी घोषणापत्र में आयुसीमा बढ़ाने का वादा किया था।


8.

कांवड़ यात्रा मार्ग बनाने के लिए काटे गए 17,600 से अधिक पेड़

एक जांच समिति ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को बताया है कि कांवड़ यात्रा मार्ग बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के तीन जिलों में 17,600 से अधिक पेड़ काटे गए हैं। एनजीटी गाजियाबाद के मुरादनगर और मुजफ्फरनगर के पुरकाजी के बीच प्रस्तावित मार्ग के लिए गाजियाबाद, मेरठ और मुजफ्फरनगर के तीन वन प्रभागों में संरक्षित वन क्षेत्र में एक लाख से अधिक पेड़ों और झाड़ियों की कटाई से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा था। छह नवंबर को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा कि तथ्यों का पता लगाने के लिए पहले गठित एक संयुक्त समिति ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। अंतरिम रिपोर्ट में बताया गया है कि सिंचाई विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार नौ अगस्त, 2024 तक तीनों जिलों में 17,607 पेड़ काटे जा चुके हैं। उसने कहा कि 1,12,722 पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई थी, लेकिन बाद में केवल 33,776 पेड़ों को काटने का निर्णय लिया गया।


9.

नवीन ऊर्जा में सरकारी कंपनियां करेंगी बड़ा निवेश

नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर के सौर, पवन व दूसरे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ने के लिए देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम उत्पादक कंपनी ओएनजीसी और सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी एनटीपीसी ने हाथ मिलाया है। । कोल इंडिया वर्ष 2028 तक पांच हजार मेगावाट की क्षमता सौर ऊर्जा से ह्यसिल करने की योजना पर काम कर रही है। दरअसल, सभी सरकारी कंपनियों की तरफ से की गई घोषणाएं केंद्र सरकार की सोची समझी रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें वह अपनी पारंपरिक ऊर्जा कंपनियों को कालांतर में रिन्यूएबल सेक्टर की बड़ी ऊर्जा कंपनी में बदलना चाहती है। सरकार के लिए यह काम इसलिए भी जरूरी है कि भारत में सौर, पवन और दूसरी रिन्यूएबल ऊर्जा क्षमता में काफी इजाफा होने के बावजूद हम वर्ष 2030 के लक्ष्यों से काफी दूर हैं। हाल के महीनों में कई बाहरी एजेंसियां अपनी रिपोर्ट में इस बात की आशंका जता चुकी हैं अगर कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो भारत के लिए वर्ष 2030 तक रिन्यूएबल सेक्टर से पांच लाख मेगावाट क्षमता की बिजली उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल हो जाएगा। 


10.

गंगोत्री से ही गंगा हो गई मैली, एनजीटी ने दिए जांच के निर्देश

गंगा की निर्मलता और स्वच्छता के तमाम दवों के बीच गंगोत्री से ही गंगा में सीवेज गिर रहा है। शोधन के बाद भी गंगोत्री के गंगाजल में सीवर जनित फीकल कालीफार्म की मात्रा ज्यादा मिली है। जिस पर एनजीटी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने इस प्रकरण में उत्तराखंड के मुख्य सचिव को जांच कराने के निर्देश दिए हैं। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ के समक्ष की गई सुनवाई में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि गंगोत्री में राज्य की रिपोर्ट के अनुसार एक मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में फीकल कालीफार्म की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है। यह मात्रा एकत्र नमूने में 540/100 मिलीलीटर एमपीएन (मोस्ट प्रोबबल नंबर) पाई गई है। फीकल कालीफार्म (एफसी) का स्तर मनुष्यों और जानवरों के मलमूत्र से निकलने वाले सूक्ष्म जीवों से प्रदूषण को दर्शाता है। न्यायाधिकरण को यह भी बताया गया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के जल गुणवत्ता (आउटडोर बाथ) के मानदंडों के अनुसार यह मात्रा अधिकतम 500/100 मिली होनी चाहिए। 


11.

इराक में नौ साल की बच्ची से शादी की अनुमति देने की तैयारी

इराक में सरकार व्यक्तिगत स्थिति कानून (कानून संख्या 188) में संशोधन की तैयारी कर रही है। यह पुरुषों को नौ साल की बच्ची से शादी की अनुमति देगा। वर्तमान में शादी की उम्र 18 वर्ष है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1959 में जब कानून-188 लागू किया गया था तो इसे पश्चिम एशिया में सबसे प्रगतिशील कानूनों में से एक माना गया था। प्रस्तावित संशोधन इस्लामी शरिया कानून की सख्त व्याख्या के अनुरूप है। और इसका उद्देश्य युवा लड़कियों की सुरक्षा करना है। महिलाओं के विरोध के कारण वर्ष 2014 और 2017 में इसे बदलने के प्रयास विफल रहे थे। यूनिसेफ के अनुसार, इराक में बाल विवाह की दर उच्च है। करीब 28 प्रतिशत लड़‌कियों की शादी 18 साल की उम्र से पहले हो जाती है। प्रस्तावित संशोधनों से स्थिति और खराब होने की आशंका है। 


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